नैतिकता का असर चाहे कम हो या ज्यादा होता तो है ही. नैतिकता कोई ऐसी चीज़ है जो एक दो से शुरू होकर सारे समाज में फैलती है और सारे समाज से धीरे धीरे एक एक में आ जाती है. सामूहिक प्रयास सबसे ज्यादा कारगर हो सकते हैं या एक एक करके इसको क्रियान्वित किया जा सकता है इस पर सोच विचार की जरूरत नहीं है, बस शुरूआत होनी चाहिए.
अब बात है किया क्या जाये, कैसे अपने बच्चों के दिमाग में ये बात डाल दी जाये की क्या सही है और क्या गलत. कैसे बछ बड़े होकर गुंडा, मवाली, कामचोर और मक्कार न बने. सबसे अच्छा तरीका जो आज तक प्रूवेन हुआ है वो ये की सिर्फ बताना नहीं है करके दिखाना है.
एक बात 100% सच है की बच्चे देख कर सीखते हैं तो फिर दिखाईये. ऐसा नहीं है सिर्फ दिखाना ही होता है बताना भी है. अगर कोई चीज़ दिखाई नहीं जा सकती तो बताना तो कम से कम बनता है. हर हाल में बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े कुछ भी. एक चीज़ तय है की हर माँ बाप के लिए दुनिया का सबसे बड़ा सुख यही है उनके बच्चे तरक्की करें, नाम कमायें ओर अछे इंसान बने.
अब बात है किया क्या जाये, कैसे अपने बच्चों के दिमाग में ये बात डाल दी जाये की क्या सही है और क्या गलत. कैसे बछ बड़े होकर गुंडा, मवाली, कामचोर और मक्कार न बने. सबसे अच्छा तरीका जो आज तक प्रूवेन हुआ है वो ये की सिर्फ बताना नहीं है करके दिखाना है.
एक बात 100% सच है की बच्चे देख कर सीखते हैं तो फिर दिखाईये. ऐसा नहीं है सिर्फ दिखाना ही होता है बताना भी है. अगर कोई चीज़ दिखाई नहीं जा सकती तो बताना तो कम से कम बनता है. हर हाल में बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े कुछ भी. एक चीज़ तय है की हर माँ बाप के लिए दुनिया का सबसे बड़ा सुख यही है उनके बच्चे तरक्की करें, नाम कमायें ओर अछे इंसान बने.